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यह वाक्यश्रृंखला एक प्रेरणादायक कहानी का आरंभ करती है जो हमें इस बात का आभास कराती है कि कभी-कभी अच्छे सेवाओं की खोज में सामाजिक संवाद और साझेदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है।

सेवढ़ा (seonda), जिला दतिया की निवासी कंचन बाथम जिनकी उम्र 16 वर्ष है । इन्हें 4 माह से पेट में दर्द, घबराहट एवं चक्कर आने की समस्या को लेकर मरीज की माता जी ने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल में दिखाया पर पाया गया कि इनको केवल सूजन की समस्या बताई गई फिर इन्हें सेवढ़ा जिले के एक डॉक्टर के द्वारा आईटीएम हॉस्पिटल के बारे में जानकारी मिली और इन्हें आईटीएम हॉस्पिटल में दिनांक 21 5.2024 को डॉक्टर जगवेंद्र लहरी के देख रेख में भर्ती किया गया ।


डॉक्टर के चिकित्सा परीक्षण करने पर पता चला कि मरीज के पेट में काफी सूजन है एवं शारीरिक जांच करने पर पेट में एक गठान महसूस हुई उसके बाद डॉक्टर लहरी ने दूरबीन द्वारा पेट की जांच करने के लिए डॉक्टर आनंद सागर से विचार विमर्श किया एवं पेट की एंडोस्कोपी (पेट की दूरबीन द्वारा जांच) कराई जिसमें पेट में एक बालों का गुच्छा (ट्राइकोबेजार) पाया गया तब डॉक्टर लहरी द्वारा मरीज के पेट से बालों के गुच्छे को निकालने के लिए सर्जरी विभाग के डॉक्टर योगेश शर्मा से विचार विमर्श कर मरीज को सर्जरी के लिए शिफ्ट किया गया एवं दिनांक 29 5.2024 को सर्जरी के लिए भर्ती कर इनका इलाज डॉक्टर योगेश कुमार द्वारा किया गया और मरीज के पेट का ऑपरेशन कर पेट से बालों का गुच्छा निकाला गया और अब मरीज को पेट दर्द, सूजन एवं घबराहट से राहत हुई और अब मरीज़ कंचन बाथम स्वस्थ है ।


आई.टी.एम. हॉस्पिटल के प्रबंधन का बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहते है। जिनकी देख रेख मे कंचन बाथम का ईलाज किया गया, अब वह स्वस्थ्य है। और वह चाहते है कि आई.टी.एम. हॉस्पिटल मे ज्यादा से ज्यादा लोग आकर अपना ईलाज करवाए, जिससे उन्हें आई.टी.एम. हॉस्पिटल का लाभ मिल सके, आई.टी.एम. हॉस्पिटल का ईलाज अच्छा है।


अतः इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सही सेवाओं और संवाद के माध्यम से समाज के एक-एक व्यक्ति के जीवन को किस प्रकार सुधारा जा सकता है। आई.टी.एम. अस्पताल के प्रबंधन के लिए हमारी प्रशंसा है, जिन्होंने एक उत्कृष्ट और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान की।