उच्च रक्तचाप से स्ट्रोक कैसे होता है? जानें शुरुआती चेतावनी संकेत
उच्च रक्तचाप (Hypertension) और स्ट्रोक के बीच एक गहरा संबंध होता है। जब रक्तचाप अनियंत्रित रहता है, तो यह मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं की दीवारों को कमजोर और संकरी बना देता है। इससे मस्तिष्क तक रक्त पहुँचने में बाधा आती है, जो स्ट्रोक का मुख्य कारण बनती है। उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क में खून का थक्का बन सकता है या रक्त वाहिका फट सकती है, जिससे इस्केमिक या हेमोरेजिक स्ट्रोक होता है। इसलिए उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसका पता लगाना कठिन होता है और यह बिना चेतावनी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है.
स्ट्रोक के प्रकार और कारण
स्ट्रोक के मुख्य दो प्रकार होते हैं:
1. इस्केमिक स्ट्रोक: यह तब उत्पन्न होता है जब मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति थक्के के कारण बंद हो जाती है। उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर थक्का बनने की संभावना बढ़ाता है।
2. हेमोरेजिक स्ट्रोक: यह तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिका फट जाती है, जिससे मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव होता है। उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं की दीवारों को कमजोर कर देती है जिससे यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इसके अलावा, ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) या मिनी स्ट्रोक भी हो सकता है, जिसमें रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से बाधित होता है पर वह जल्द ठीक हो जाता है, जो बड़े स्ट्रोक का पूर्वाभास हो सकता है.
उच्च रक्तचाप के कारण स्ट्रोक होता है?
1. उच्च रक्तचाप मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ाता है, जिससे वे कठोर और संकरी हो जाती हैं।
2. इस दबाव के कारण रक्त वाहिकाओं में दरारें या फटने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे रक्तस्राव होता है।
3. रक्त वाहिकाओं में थक्कों का निर्माण होने की संभावना बढ़ जाती है, जो मस्तिष्क तक रक्त के प्रवाह को रोक सकते हैं।
4. लंबे समय तक उच्च रक्तचाप न केवल रक्त वाहिकाओं को कमजोर करता है, बल्कि मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन की कमी से भी प्रभावित करता है, जिससे मस्तिष्क की वर्तमान और भविष्य की कार्यक्षमता प्रभावित होती है.
शुरुआती चेतावनी संकेत
उच्च रक्तचाप से जुड़े स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। स्ट्रोक के विशेषतः निम्नलिखित शुरुआती चेतावनी संकेत होते हैं:
1. चेहरे पर अचानक कमजोरी या मुंह की एक तरफ लटकना
2. एक हाथ या पैर में कमजोरी या सुन्नता
3. अचानक अस्पष्ट बोलना या बात समझने में कठिनाई
4. दृष्टि में बदलाव, जैसे धुंधलापन या एक या दोनों आंखों से दिखाई देना बंद होना
5. अचानक असामान्य सिरदर्द होना, जो तीव्र और बिना किसी कारण के होता है
6. संतुलन खोना या अचानक चलने में दिक्कत.
एक सामान्य तरीका जिससे इससे बचा जा सकता है वह है FACE (FAST) टेस्ट:
1. F (Face): चेहरे पर असामान्य कमजोरी या झुकाव
2. A (Arms): एक हाथ को उठाने में कठिनाई
3. S (Speech): अस्पष्ट बोलना या बोलने में समस्या
4. T (Time): यदि ये लक्षण दिखें तो तुरन्त चिकित्सकीय सहायता लें.
उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक से बचाव के उपाय
1. ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराएं और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाइयाँ लें।
2. संतुलित आहार लें जिसमें कम नमक, कम वसा और अधिक फल व सब्ज़ियाँ हों।
3. नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि वजन नियंत्रित रहे और हृदय स्वस्थ रहे।
4. धूम्रपान और शराब से बचें क्योंकि ये रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं।
5. तनाव कम करें और पर्याप्त निद्रा लें।
6. समय-समय पर स्ट्रोक के संकेतों को जानना और उनकी पहचान करना जरूरी है ताकि शीघ्र इलाज हो सके.