कामदा दतिया के निवासी गौरीशंकर जिनकी उम्र 39 वर्ष है ।यह दो पहिया वाहन से गिरने पर सिर में चोट आ गई ।और यह भांडेर में दिनांक 17/4/24 को सरकारी अस्पताल मे इलाज कराया पर इन्हें वहा पर इलाज समझ नही आया। फिर इन्होंने इलाज के लिए दतिया में सरकारी अस्पताल में दिखाया। फिर इन्हें झांसी के प्राइवेट अस्पताल में 24 घंटे भर्ती किया गया ।लेकिन वहां पर आयुष्मान कार्ड की सुविधा न होने की वजह से मरीज का खर्चा ज्यादा आ रहा था। आई टी एम हॉस्पिटल की परिचय होने से मरीज को आई टी एम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और इनका इलाज डॉक्टर रजत द्वारा किया गया। फिर चिकित्सा परीक्षण कर मरीज की समस्या का पता लगाकर इनका इलाज किया l और परीक्षण कर पता चला की मरीज के सिर में बहुत गहरी चोट है ।और मरीज के मस्तिष्क में खून के थक्के जमे हुए है और मरीज बेहोश था और वेंटीलेटर पर था ।फिर इनका इलाज डॉक्टर रजत द्वारा किया गया और चार दिन बाद मरीज वेंटीलेटर से बाहर आ गया ।और इलाज के 7 दिन पश्चात मरीज परिजनों को पहचानने लगा और खाने पीने लगा।मरीज का 20 दिन इलाज चला ।और मरीज चलने ,बोलने और समझने लगा ।स्वस्थ अवस्था में मरीज की छुट्टी की गई । 10 दिन बाद मरीज फिर दिखाने आया था ।और अब वह पूर्ण तरह स्वस्थ है।
आई.टी.एम. हॉस्पिटल के प्रबंधन का बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहते है। जिनकी देख रेख मे गौरीशंकर का ईलाज किया गया, अब वह स्वस्थ्य है। और वह चाहते है कि आई.टी.एम. हॉस्पिटल मे ज्यादा से ज्यादा लोग आकर अपना ईलाज करवाए, जिससे उन्हें आई.टी.एम. हॉस्पिटल का लाभ मिल सके, आई.टी.एम. हॉस्पिटल का ईलाज अच्छा है।
अतः इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सही सेवाओं और संवाद के माध्यम से समाज के एक-एक व्यक्ति के जीवन को किस प्रकार सुधारा जा सकता है। आई.टी.एम. अस्पताल के प्रबंधन के लिए हमारी प्रशंसा है, जिन्होंने एक उत्कृष्ट और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान की

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