भितरवार जिला ग्वालियर के निवासी जिनकी उम्र 12 वर्ष है। यह अपने घर से बाइक से खाना खाने जा रहे थे तभी उनकी रोड दुर्घटनाग्रस्त हो गए उसी समय भितरवार में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वहां पर किसी प्रकार की कोई सुविधा न मिलने पर मरीज को ट्रामा सेंटर में दो दिन भर्ती कराया फिर इन्होंने आईटीएम हॉस्पिटल में स्टाफ के माध्यम से आईटीएम हॉस्पिटल में भर्ती हुए ।
इनका इलाज डॉक्टर के द्वारा चिकित्सा परीक्षण कर समस्या का पता लगाया और इलाज शुरू कर दिया मरीज के मस्तिष्क में खून जमा था और मरीज बेहोश था मरीज को ऑपरेशन द्वारा मस्तिष्क से खून निकाला गया और कुछ दिन बाद मरीज को होश आया और फिर मरीज को खून की कमी हो गई थी और शरीर में इंफेक्शन हो गया था उसका डॉक्टर द्वारा इलाज किया गया जिससे उसकी स्थिति में सुधार आने लगा और धीरे-धीरे कुछ समय बाद में अपने परिजनों को पहचान ने लगा और खाना-पीना करने लगा और मरीज का अस्पताल में लगभग दो माह तक इलाज चला और अब वह पूर्ण तरह स्वस्थ है
आई.टी.एम. हॉस्पिटल के प्रबंधन का बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहते है। जिनकी देख रेख मे मास्टर दिव्यांश पाल का ईलाज किया गया, अब वह स्वस्थ्य है। और वह चाहते है कि आई.टी.एम. हॉस्पिटल मे ज्यादा से ज्यादा लोग आकर अपना ईलाज करवाए, जिससे उन्हें आई.टी.एम. हॉस्पिटल का लाभ मिल सके, आई.टी.एम. हॉस्पिटल का ईलाज अच्छा है।
अतः इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सही सेवाओं और संवाद के माध्यम से समाज के एक-एक व्यक्ति के जीवन को किस प्रकार सुधारा जा सकता है। आई.टी.एम. अस्पताल के प्रबंधन के लिए हमारी प्रशंसा है, जिन्होंने एक उत्कृष्ट और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान की

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